आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम का जन्म सरगुजा संभाग के जिला बलरामपुर के ग्राम सनावल में एक मार्च 1962 में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री रामलोचन और माता स्वर्गीय श्रीमती जिदहुलिया देवी थी। उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह है। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। उनकी अभिरुचि संगीत, कला, पर्यटन क्षेत्र में है। उनका व्यवसाय कृषि है। श्री नेताम का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा हुआ है। कृषि, बागवानी और खेल के प्रति विशेष रूचि रखने वाले श्री नेताम ने अपने सार्वजनिक जीवन में जनहित को सदैव प्राथमिकता में रखकर कार्य किया।
नेताम जी शिक्षा के बारे में
श्री रामविचार नेताम ने पाठशाला से कॉलेज तक का सफर चुनौतियों से जीतकर तय किया। सुदूर ग्रामीण अंचल में पले-बढ़े श्री नेताम शिक्षा के प्रति विशेष रूचि रखते हैं, उन्हें अध्ययन अध्यापन दोनों में रूचि है, इसी रूचि ने उन्हें शाला नायक से शिक्षक की भूमिका तक पहुँचाया। वह रामचन्द्रपुर ब्लॉक (सरगुजा) चाकी गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक पदस्थ रहे। शिक्षक रहते हुए उन्होंने समाज सेवा का संकल्प लेकर सामाजिक जीवन में पदार्पण किया।
उनकी विशेष उपलब्धियों में छात्र जीवन से ही जनहित के मुद्दे पर संघर्ष, गरीबों के लिए आंदोलन, तेन्दूपत्ता मजदूरों व अन्य मजदूरों के मजदूरी बढ़ाने को लेकर आंदोलन, विधायक रहते हुए किसानों की लड़ाई लड़ते 11 दिन जेल जाना पड़ा।
राजनीति में पहल कदम उठाया
श्री नेताम वर्ष 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 1993, 1998, 2003, 2008 और वर्ष 2023 में विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2003 से वर्ष 2005 तक वे छ.ग. शासन में आदिम जाति कल्याण एवं राजस्व, वर्ष 2005 से वर्ष 2008 तक गृह, जेल एवं सहकारिता, वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास, विधि-विधायी, वर्ष 2012 से वर्ष 2013 तक जल संसाधन, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे।
श्री नेताम जून 2016 से जून 2022 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। श्री नेताम ने यू.एस.ए. (अमेरिका) नार्वे, जर्मनी, स्वीडन, दुबई, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैण्ड, अफ्रीका, सिएरा लियोन जैसे देशों की यात्राएं की है।