ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी, को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का नया महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वे असम पुलिस के महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं और 26 जनवरी 2025 के बाद CRPF मुख्यालय में अपना पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 30 नवंबर 2027 तक रहेगा।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन: ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में प्राप्त की। उन्होंने उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए।
पेशेवर करियर: अपने करियर के दौरान, सिंह ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने विशेष सुरक्षा समूह (SPG) में सेवा दी, जहां उन्होंने उच्च-स्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का प्रबंधन किया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में इंस्पेक्टर जनरल के रूप में, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा हमले सहित कई प्रमुख आतंकवादी मामलों की जांच का नेतृत्व किया।
2019 में, असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान, उन्हें असम पुलिस में विशेष महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
CRPF के महानिदेशक के रूप में चुनौतियाँ: CRPF भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जिसमें लगभग 3 लाख कर्मी शामिल हैं।यह बल आतंकवाद विरोधी अभियानों में जम्मू-कश्मीर, उग्रवाद विरोधी अभियानों में उत्तर-पूर्व, और नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाता है। सिंह के नेतृत्व में, CRPF को इन क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
निजी जीवन: ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं, जहां उनके दो लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं। उनकी सख्त और निष्पक्ष छवि के कारण उन्हें ‘सिंघम’ के रूप में भी जाना जाता है।
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की नियुक्ति से CRPF को उनके व्यापक अनुभव और नेतृत्व का लाभ मिलेगा, जो देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक होगा।
After that arrive at the soldiers had led